About the Book
विविध विद्यालय तथा संस्कृत-अकादमियों में सिखाए जानेवाले संस्कृत भाषा के शिक्षण में सहायभूत यह भगवद्गीता संबंधित संदर्भ पुस्तक विद्यार्थी और शिक्षक दोनों के लिए उपयोगी है। इस में गीता में प्रयुक्त संस्कृत भाषा को शैक्षणिक दृष्टि से ६ विभागों में बाँटा है – १) पद २) उपसर्ग और प्रत्यय ३) वाक्य ४) विभक्ति ५) प्रयोग ६) संधि, समास और धातु। इन विभागों को और गीता के १८ अध्यायों को मिला के, इस पुस्तक में वो सभी सूचियाँ हैं जो भाषा और गीता के शिक्षण में उदाहरणरूप बनती हैं। प्रायशः सभी सूचियाँ अध्यायशः होने के कारण, गीता का कोई भी एक अध्याय लिया जाए, तो भी भाषा-शिक्षण की शुरुआत करी जा सकती है। “गीता के श्लोकों को प्राथमिक स्तर पे समझने के लिए प्राथमिक स्तर का कितना संस्कृत सीखना या सिखाना चाहिए?” इस का उत्तर भी इस पुस्तक से मिलता है। “गीता का विषय गहन होने के बावजूद भी उसकी भाषा सरल, सुगम है” इस बात को सिद्ध करनेवाला यह पुस्तक हर गीता और भाषा के उपासक के लिए आजीवन संग्राह्य होगा ऐसी आशा है।
लेखिका के अन्य पुस्तक
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- अभिव्यक्तिः (सरल संस्कृत में १३२ आध्यात्मिक कविताएँ)
- देणं जगन्मातेचं (मराठी में ५१ आध्यात्मिक कविताएँ)
- Abhinaya Themes in Indian Classical Kathak Dance
Details
- Title: Sanskrit Aur Bhagavad Gita (Sampurna)
- ISBN: 978-81-964026-2-4
- Format: Hardcase
- Date of Publication: 01 Oct, 2024
- Language: Hindi
- Category: Education